Mount Shinmoedake ज्वालामुखी विस्फोट: जापान में होने वाली है 2025 में बड़ी तबाही ?

Mount Shinmoedake ज्वालामुखी विस्फोट

टोक्यो, 5 जुलाई 2025 — जापान के क्यूशू द्वीप पर स्थित माउंट शिनमोएडेके (Mount Shinmoedake) ज्वालामुखी एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बुधवार दोपहर को हुए इस बड़े विस्फोट से हवा में कई किलोमीटर ऊँचा राख का गुबार फैल गया, जिससे आस-पास के इलाकों में दिन का अंधेरा छा गया। Mount Shinmoedake के चारों ओर राख की मोटी परत जम गई है और प्रशासन ने तुरंत 2 मील (लगभग 3.2 किमी) का निषेध क्षेत्र घोषित कर दिया है।

क्या हुआ माउंट शिनमोएडेके (Mount Shinmoedake) पर?

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने बताया कि माउंट शिनमोएडेके (Mount Shinmoedake) से भारी मात्रा में राख और गैस का उत्सर्जन हुआ है। एजेंसी ने अलर्ट लेवल 3 जारी कर दिया है और निवासियों को इलाके से दूर रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, ज्वालामुखी में प्रेशर लगातार बढ़ रहा था और यह विस्फोट इसी का परिणाम है।

भूकंप के बाद बढ़ा खतरा

इस विस्फोट से ठीक पहले टोकारा द्वीप समूह के पास 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह भूकंपीय गतिविधि भी Mount Shinmoedake के सक्रिय होने का एक संकेत हो सकती है। इस क्षेत्र की भूगर्भीय संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आस-पास के शहरों की बिजली और पानी की आपूर्ति पर निगरानी बढ़ा दी है।

सोशल मीडिया पर “Mega Disaster” की भविष्यवाणी

Mount Shinmoedake की सक्रियता के बाद जापान के सोशल मीडिया पर “Mega Disaster” ट्रेंड कर रहा है। मंगा लेखक तात्सुकी रो (Ryo Tatsuki)  की 1999 की किताब “The Future I Saw” में इस तारीख के आसपास एक बड़ी प्राकृतिक आपदा की बात कही गई थी। हालाँकि वैज्ञानिकों ने इसे महज इत्तेफाक बताया है, लेकिन आम लोग इस भविष्यवाणी को गंभीरता से ले रहे हैं।

स्थानीय जीवन और बचाव कार्य

Mount Shinmoedake के विस्फोट के बाद, आसपास के क्षेत्रों में 2,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। स्थानीय स्कूल बंद कर दिए गए हैं और रेलवे सेवा को भी अस्थायी रूप से रोका गया है। राहत और बचाव के लिए जापानी सेना को भी सक्रिय कर दिया गया है। लोगों को घर के अंदर रहने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है ताकि राख से होने वाली सांस की बीमारियों से बचा जा सके।

पिछला इतिहास और मौजूदा खतरे

Mount Shinmoedake पहले भी कई बार सक्रिय हो चुका है। 2011 और 2018 में हुए विस्फोटों ने भी क्षेत्र में बड़ा असर डाला था। इस बार की तीव्रता पहले से कहीं अधिक मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर Mount Shinmoedake में दबाव और बढ़ा तो यह विस्फोट और भी भयावह हो सकता है।


Mount Shinmoedake का यह विस्फोट न केवल जापान, बल्कि पूरे एशिया के लिए चेतावनी है कि प्रकृति के सामने हम अब भी कितने असहाय हैं। फिलहाल सबसे ज़रूरी है लोगों की सुरक्षा और बचाव। स्थानीय प्रशासन और जापान सरकार पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।

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