Thailand Cambodia border clashes: दक्षिण-पूर्व एशिया में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को लेकर तनाव और सैन्य झड़पें लगातार तीसरे दिन भी जारी हैं। इस बढ़ते संघर्ष ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है, जिसमें अब तक 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें सैनिक और आम नागरिक दोनों शामिल हैं। हजारों की संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हुए हैं।
Thailand Cambodia सीमा विवाद लगातार बढ़ रहा संघर्ष और मानवीय संकट
सीमावर्ती इलाकों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तोपों, रॉकेटों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल जारी है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने और स्थिति को बिगाड़ने का आरोप लगा रहे हैं। इस हिंसा का सबसे बुरा असर सीमा पर रहने वाले आम लोगों पर पड़ा है। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडिया और थाईलैंड दोनों ओर से कुल 30 से ज़्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
इस संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है। कंबोडिया में 37,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि थाईलैंड में 1,30,000 से अधिक लोगों ने अपने गाँव छोड़े हैं। स्कूलों और अस्पतालों को भी बंद करना पड़ा है, जिससे मानवीय संकट गहराता जा रहा है। लोग अपने आप को सुरक्षित रखने की लिए अपने घरों को छोड़कर खाली पड़े सीवरेज सुरंगो या अन्य सुरक्षित जगहों पर पनाह ले है

अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप और ट्रंप का अहम दावा
इस बढ़ती हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील की है।
इस बीच, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया दोनों के नेताओं से बात की है। ट्रंप ने कहा है कि उनकी बातचीत के बाद, दोनों देश तत्काल युद्धविराम (Immediate ceasefire) पर सहमत हो गए हैं। यदि यह दावा सही साबित होता है, तो यह इस संघर्ष को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
क्षेत्रीय संगठन आसियान (ASEAN) भी इस मामले में मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है, और उसने दोनों देशों से शत्रुता समाप्त करने की अपील की है।
आगे क्या?
फिलहाल, सभी की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति के युद्धविराम के दावे पर टिकी हैं और यह देखना होगा कि क्या यह वास्तव में जमीनी स्तर पर लागू होता है। इस संघर्ष ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है, और दुनिया उम्मीद कर रही है कि दोनों देश शांति और बातचीत के रास्ते पर लौटेंगे ताकि और जानमाल का नुकसान न हो।
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