हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में भीषण भगदड़: 6 श्रद्धालुओं की दुखद मौत, कई घायल; सीएम ने मुआवजे का ऐलान किया

मनसा देवी मंदिर -हरिद्वार
मनसा देवी मंदिर -हरिद्वार

उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। यहाँ स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में आज एक भीषण भगदड़ मच गई, जिसके परिणामस्वरूप 6 लोगों की दुखद मौत हो गई है और कई अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल बना दिया है।


मनसा देवी मंदिर: कैसे हुई घटना?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह घटना तब हुई जब मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए एकत्र हुए थे। भीड़ के अचानक अनियंत्रित हो जाने और धक्का-मुक्की के कारण भगदड़ मच गई। श्रद्धालुओं को सँभलने का मौका नहीं मिला और कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ। कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर में करंट फैलने की अफवाह वजह से अफरातफरी मची और सीढ़ियों पर गिरने से लोग मारे गए। हरिद्वार पुलिस भी मंदिर में करंट फैलने की बात को अफवाह बता रही है। पुलिस का कहना है कि हादसा मंदिर में भारी भीड़  जुटने की वजह से हुआ है। 

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुँचे। घायलों को तत्काल नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज जारी है। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।


मुख्यमंत्री ने जताया दुख और किया मुआवजे का ऐलान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है।

प्रशासन ने घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं ताकि भगदड़ के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।


सुरक्षा उपायों पर उठे सवाल

इस तरह की घटनाओं से एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर और अधिक प्रभावी सुरक्षा उपायों की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई यह भगदड़ एक बड़ी मानवीय त्रासदी है, जिसने कई परिवारों की खुशियों को छीन लिया। यह घटना हमें धार्मिक आयोजनों और सार्वजनिक सभाओं में सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन के महत्व की याद दिलाती है। पूरा देश इस दुख की घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है।

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