नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 4 जुलाई से 18 जुलाई तक पूरे देश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के लिए ऑरेंज‑रेड अलर्ट जारी किया है। विशेषकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र‑कोंकण, गुजरात, ओडिशा और पूर्वोत्तर में मानसून की सक्रियता सामान्य से 12% अधिक बनी हुई है। IMD ने इन इलाकों में लगातार तेज़ बारिश, नदी‑नालों का उफान और पहाड़ी ढलानों की अस्थिरता का संकेत दिया है।
तीव्र मानसून गतिविधि के आंकड़े और प्रभाव
इस सीजन में दोल्ही मानसून पश्चिमी तट से लैंडफॉल कर गया और तेजी से देश के अंदरूनी हिस्सों में पहुंच गया। IMD के अनुसार, 2–3 जुलाई के बीच मंडी जिले में दर्ज 200 मिमी से अधिक बारिश और बादल फटने से हुए फ्लैश फ्लड ने स्थानीय जल-मार्गों को उफान पर ला दिया। इस दौरान नौ लोगों की मौत हुई, दर्जनों घायल हुए और दर्जनों घर बाढ़ की भेंट चढ़े। मुंबई‑कोंकण सर्किट में 275 मिमी बरसात ने मुख्य मार्गों को जलमग्न किया, जिसके कारण यातायात 12 घंटे तक पूर्ण रूप से ठप रहा।
It’s been pouring nonstop for the last 12 hours in Himachal. Rivers and streams are overflowing. Multiple cloudbursts in Mandi, lives lost and around 30 people missing in flash floods since last night. Please stay indoors and avoid any travel unless really urgent. pic.twitter.com/mJMkW6OpFI
— Go Himachal (@GoHimachal_) July 1, 2025
प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत स्थिति
देहरादून और नैनीताल: केदारबन मार्ग पर भूस्खलन, सड़कों पर मलबा—आंख-मुँह पानी वाली स्थिति।
शिमला और कुल्लू: नदी-नाले उफान पर, तुंग नदी के किनारे बसे गाँवों से लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किये गए।
मुंबई‑पुणे: मेट्रो मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्गें जलमग्न, लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित।
सोशल मीडिया:
भारी वर्षा के बाद बाढ़ की वजह से कई इलाकों में काफ़ी नुकसान हुआ है प्रभावित इलाको के लोगों को इससे उभरने में काफी समय लगेगा। सोशल मीडिया पर काफी लोगो के पोस्ट देखने को मिल रहे है जो प्रभावित इलाको के बारे में काफी सुनिचित जानकारी मुहैया कराते है
63 dead, dozens missing, Rs 400 crore in property damage as Himachal Pradesh battles cloudbursts, flash floods, and landslides. pic.twitter.com/KcGPb8Am4w
— The Tatva (@thetatvaindia) July 4, 2025
IMD Monsoon Alert के बाद राज्य सरकारों और एजेंसियों की सक्रियता
हिमाचल के कुछ इलाको में भारी वर्षा के बाद बाढ़ आ गई जिस कारण बाढ़ प्रभावित इलाकों में काफी नुकसान हुआ है। प्रत्येक प्रभावित राज्य सरकार ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। उत्तराखंड में 50 राहत शिविर स्थापित किये गए, जहां परिबंधन के साथ भोजन, कपड़े और दवाइयाँ उपलब्ध करायी गयीं। हिमाचल प्रदेश के प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति में NDRF और SDRF की 32 टीमें तैनात कीं, जो 24×7 बचाव और प्राथमिक चिकित्सा कार्य में लगी हैं। वायुसेना के Cheetah और Dhruv हेलीकॉप्टर ने कठिन पहाड़ी मार्गों से फंसे लोगों को एयरलिफ्ट कर निकाला। बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रत्येक जिले में अतिरिक्त जनरेटर लगाए गए, जबकि पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर और जलप्रबन्धन इकाइयाँ सक्रिय रखी गयीं।
नागरिकों के लिए निर्देश और सुझाव
IMD और आपदा प्रबंधन केंद्रों ने नागरिकों से जोरदार अपील की है कि वे:
- अनावश्यक यात्रा टालें और संभव हो तो घरेलू कार्यों के लिए सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
- बची हुई प्राथमिक चिकित्सा किट, बोतलबंद पानी और नॉन-पेरिशेबल फूड स्टॉक रखें।
- आपातकालीन नंबर—112 और NDRF हेल्पलाइन 1800‑11‑6049 तथा नजदीकी SDRF नंबर सेव कर लें।
- शक्ति संपन्न इमारतों या राहत शिविरों में शरण लें, विशेषकर वृद्ध, बच्चे और बीमार व्यक्ति।
- सोशल मीडिया और रेडियो पर IMD की ताज़ा जानकारी सुनते रहें।
दीर्घकालीन बचाव एवं रोकथाम के उपाय
IMD और पर्यावरण विशेषज्ञ पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध निर्माण पर रोक लगाने, पुराने पर्वत मार्गों की मरम्मत एवं पुनर्वनीकरण, नदी-नालों के किनारे सघन वृक्षारोपण और रिवर-लेवल सेंसर तथा रेन-गेज नेटवर्क के विस्तार की सलाह देते हैं। राज्य सरकारें स्थानीय ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया समूह (VRC) गठित कर रही हैं, जो शीघ्र चेतावनी और बचाव सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। इन ठोस प्रयासों से भविष्य में भारी मानव-आर्थिक नुक़सान को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
IMD का यह 15-दिनों का अलर्ट देशभर के नागरिकों और प्रशासन के लिए चेतावनी का संदेश है कि मौसमी उतार-चढ़ाव को गंभीरता से लें। ऑरेंज का मतलब है “भरपूर सावधानी रखिए—भारी बारिश संभावित है,” जबकि रेड का संकेत है “बहुत ज़्यादा सावधानी—बाढ़, भूस्खलन या फ्लैश फ्लड का खतरा।”