लॉर्ड्स टेस्ट: भारत को 22 रनों से मिली रोमांचक हार, ‘एक्स्ट्रा’ रन और शीर्ष क्रम का फ्लॉप शो बना मुख्य वजह

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लॉर्ड्स टेस्ट, इंग्लैंड: भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच बेहद रोमांचक मुकाबले के बाद इंग्लैंड ने 22 रनों से जीत लिया। मैच के पांचवें और अंतिम दिन, भारतीय टीम 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 170 रनों पर ढेर हो गई। इस हार के साथ, इंग्लैंड ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। भारत के लिए रवींद्र जडेजा ने जुझारू बल्लेबाजी की, लेकिन उनका 61 रनों का नाबाद अर्धशतक भी टीम को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था। इस हार के पीछे बल्लेबाजों का संघर्ष और गेंदबाजों द्वारा दिए गए अत्यधिक ‘एक्स्ट्रा’ रन बड़ी वजह बनकर उभरे।


लॉर्ड्स टेस्ट मैच का परिणाम: करीबी रहा मुकाबला

इंग्लैंड ने पहली पारी में 387 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत ने भी ठीक 387 रन बनाकर मैच को बराबरी पर ला दिया था। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 192 रन बनाए और भारत के सामने जीत के लिए 193 रनों का लक्ष्य रखा।

Day 4 के स्टंप्स तक भारत का स्कोर 58/4 था, और उसे जीत के लिए 135 रनों की दरकार थी। लेकिन पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाजी क्रम इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाया और टीम 170 रन पर ऑलआउट हो गई।


जडेजा का जुझारूपन, बाकी बल्लेबाजों का संघर्ष

लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन, भारत की उम्मीदें केएल राहुल (33 रन पर नाबाद थे) और ऋषभ पंत पर टिकी थीं। हालांकि, राहुल 39 रन बनाकर बेन स्टोक्स का शिकार बने, वहीं पंत 9 रन बनाकर जोफ्रा आर्चर की गेंद पर आउट हो गए। शुरुआती चार विकेटों (यशस्वी जायसवाल 0, शुभमन गिल 6, करुण नायर 14, आकाश दीप 1) के अलावा, निचले क्रम के बल्लेबाजों में नितीश कुमार रेड्डी (13) और जसप्रीत बुमराह (5) ने कुछ देर संघर्ष किया। दोनों ने 50 से ज्यादा गेंदों का सामना किया जो कि काफी सराहनीय है

हालांकि, रवींद्र जडेजा ने एक छोर पर शानदार जुझारू पारी खेली। उन्होंने 181 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 61 रन बनाए। उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाजों, खासकर बुमराह और मोहम्मद सिराज (4) के साथ मिलकर टीम को जीत के करीब लाने की पूरी कोशिश की। उनकी यह पारी टीम के लिए उम्मीद की आखिरी किरण थी, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे और अंततः भारत 22 रन से पीछे रह गया।

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“एक्स्ट्रा” रनों का घातक प्रभाव: क्यों बनी हार की बड़ी वजह

इस करीबी हार में ‘एक्स्ट्रा’ (अतिरिक्त) रनों का योगदान काफी बड़ा रहा। भारत ने दोनों पारियो में कुल  63 रन एक्स्ट्रा के रूप में दिया दूसरी तरफ इंग्लैंड ने दोनों पारियों में सिर्फ 30 रन एक्स्ट्रा के रूप में दिया । भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में कुल 32 एक्स्ट्रा रन दिए। इनमें से 25 रन बाई (Byes) के रूप में आए, जो अक्सर खराब गेंदबाजी या विकेटकीपर के लिए कठिन परिस्थितियों के कारण होते हैं। 

इंग्लैंड का कुल दूसरी पारी का स्कोर 192 था, जिसमें 32 अतिरिक्त रन शामिल थे। इसका मतलब है कि भारतीय गेंदबाजों ने अपने दम पर लगभग 160 रन ही दिए थे। ये एक्स्ट्रा रन ही थे जिन्होंने इंग्लैंड के कुल स्कोर को इतना बढ़ाया कि वह भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बन गया। 22 रनों की हार के मार्जिन को देखते हुए, ये अतिरिक्त रन निश्चित रूप से जीत और हार के बीच का अंतर साबित हुए।


इंग्लिश गेंदबाजों का कमाल

इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भी इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया। दूसरी पारी में बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर ने 3-3 विकेट लिए, जबकि ब्रायडन कार्से ने 2, क्रिस वोक्स और शोएब बशीर ने 1-1 विकेट लेकर भारत को ऑलआउट करने में अहम भूमिका निभाई। शोएब बशीर ने मोहम्मद सिराज का अंतिम विकेट लेकर इंग्लैंड को जीत दिलाई।


लॉर्ड्स टेस्ट में मिली यह हार भारतीय टीम के लिए निराशाजनक है, खासकर जब मैच इतनी करीबी रहा। यह हार टीम को ‘एक्स्ट्रा’ रनों पर नियंत्रण रखने और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को दबाव में प्रदर्शन करने के महत्व पर विचार करने का मौका देती है। अब टीम इंडिया को सीरीज में वापसी करने के लिए अगले मैचों में इन गलतियों से सीख लेनी होगी।

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