पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को आजीवन कारावास की सख्त सजा: दुष्कर्म मामले में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, कर्नाटक में हुई कानून की जीत
कर्नाटक के पूर्व सांसद और जनता दल के नेता प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को दुष्कर्म के एक हाई-प्रोफाइल मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद, बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई है। यह फैसला राजनीतिक हलकों और आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अदालत के इस ऐतिहासिक निर्णय का कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने जोरदार स्वागत किया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला कुछ महीने पहले तब सुर्खियों में आया था, जब कर्नाटक में कई आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए थे। इन वीडियो में कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे। जांच में सामने आया कि उनके खिलाफ कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। इन्हीं आरोपों के तहत एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था, जिसने मामले की जांच की।
आरोपों के बाद, प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) देश छोड़कर जर्मनी भाग गए थे। उनके खिलाफ एक ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था और गहन कूटनीतिक प्रयासों के बाद उन्हें भारत वापस लाया गया। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। यह मामला उनके ही एक पूर्व घरेलू सहायक के साथ हुए दुष्कर्म से संबंधित था।
अदालत का फैसला और सजा
बेंगलुरु में जन प्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश के. एन. शिवकुमार ने इस मामले में फैसला सुनाया। 1 अगस्त, 2025 को अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी पाया और 2 अगस्त, 2025 को उन्हें सजा सुनाई गई।
- सजा: अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (दुष्कर्म) सहित अन्य संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई।
- जुर्माना: सजा के साथ-साथ, उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने कहा कि यह फैसला समाज में एक कड़ा संदेश देगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस फैसले के बाद कर्नाटक की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
- कांग्रेस सरकार: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। सिद्धारमैया ने कहा कि यह “कानून की जीत” है और इससे पता चलता है कि “कानून सभी के लिए बराबर है।” उन्होंने पीड़िता के साथ खड़े होने और उसे न्याय दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
- जनता दल : यह फैसला रेवन्ना परिवार और JDS पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। पार्टी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
अगला कदम: उच्च न्यायालय में अपील
प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) के कानूनी दल ने घोषणा की है कि वे इस फैसले को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। उनके वकीलों का मानना है कि उनके पास अपील करने के मजबूत आधार हैं।
प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को दी गई यह सजा एक महत्वपूर्ण कानूनी फैसला है, जो यह दर्शाता है कि कानून के समक्ष कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अपराध करने पर सजा से बच नहीं सकता। इस फैसले ने न केवल पीड़िता को न्याय दिलाया है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी दिया है। यह देखना बाकी है कि उच्च न्यायालय में इस मामले का क्या परिणाम होता है।
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